निकाय चुनाव में हाईकोर्ट द्वारा अतिपिछड़ा का आरक्षण रद्द करने के खिलाफ प्रतिवाद

निकाय चुनाव में हाईकोर्ट द्वारा अतिपिछड़ा का आरक्षण रद्द करने के खिलाफ प्रतिवाद
निकाय चुनाव में हाईकोर्ट द्वारा अतिपिछड़ा का आरक्षण रद्द करने के खिलाफ प्रतिवाद

भागलपुर : आज भागलपुर स्थित डॉ. अंबेडकर चौक (स्टेशन चौक) पर बिहार में हो रहे निकाय चुनाव में हाईकोर्ट पटना के द्वारा अतिपिछड़ा का आरक्षण रद्द करने के खिलाफ प्रतिवाद प्रदर्शन किया गया.

विदित हो कि बिहार में अतिपिछड़ा का आरक्षण जननायक कर्पूरी ठाकुर के समय 1978 से ही लागू है. बिहार में नगर निकाय चुनाव में 2007 से ही लागू है. अभी तक तीन बार निकाय चुनाव संपन्न हो गया जबकि उस समय भी अतिपिछड़ा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट गया था लेकिन उस समय भी अतिपिछड़ा आरक्षण के पक्ष में ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था.

अब फिर से आरक्षण विरोधी कॉलेजियम सिस्टम से उत्पन्न एक जाति विशेष के जजों ने फिर से मनुवादी तरीके अतिपिछड़ों का आरक्षण खत्म करने का तुगलकी फरमान जारी किया, जबकि बिहार में निकाय चुनाव में सुप्रीम कोर्ट के 50% आरक्षण के भीतर ही अतिपिछड़ों का सीट आरक्षित किया गया.

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने 2015 के विधानसभा चुनाव के समय आरक्षण के विरोध में जो सवाल उठाया था, आज उसी एजेंडा पर भाजपा व न्यायालय की गुटबंदी का शिकार हो अतिपिछड़ा समुदाय.

बिहार में भाजपा जो ट्रिपल टेस्ट करवाने का जो मसला उठा कर आम अवाम को गुमराह कर रही है, जबकि केंद्र स्तर पर रोहिणी कमिटी अतिपिछड़ा समुदाय के लिए बनाया था. उसका समय सीमा बढ़ाते-बढ़ाते आज 5 साल होने को है और इस दौरान कई एक आम चुनावों में इस कमिटी का झांसा देकर अतिपिछड़ों के वोटों को गुमराह करके अपने पक्ष में कर लिया लेकिन बिहार राज्य के सिवाय कोई भी प्रदेश में रोहिणी कमिटी के रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होने के कारण अतिपिछड़ा समुदाय को नौकरी सहित पंचायत व निकाय चुनावों में जो इनका हक अधिकार है, उससे आज तक साजिशन वंचित रखा गया.

जिस बिहार राज्य में अतिपिछड़ा आरक्षण को लागू किया गया उसे अब कोर्ट के माध्यम से षड्यंत्र करके वो भी छीन लिया. ये ब्राह्मणवादी मानसिकता के लोग अपने आरक्षण विरोधी एजेंडा के साथ मजबूती से खड़े हैं, लेकिन बिहार में जननायक कर्पूरी ठाकुर ने समाजिक न्याय के रास्ते जो हक और सम्मान पिछड़ो-अतिपिछड़ों को दिलाया.

लेकिन उस समय भी कर्पूरी ठाकुर को इन ब्राह्मणवादी मानसिकता के लोगों ने एक बार मुख्यमंत्री रहते हुए भी जलिल करने का काम किया, आज वही लोग फिर से अतिपिछड़ा के आरक्षण को खत्म करने का साज़िश रच रहा है. जबकि आप सबको पता है कि कैसे ये ब्राह्मणवादी मानसिकता के लोग बिना किसी कमिटी व आयोग के सवर्ण को 10% आरक्षण देने का काम किया.

आखिर क्यों ये ब्राह्मणवादी व केन्द्र में भाजपा सरकार जाति जनगणना करवाने से पीछे भाग रहा है ? इसका साफ मतलब है कि इस देश में ये भाजपा व RSS के लोग साजिशन आरक्षण को खत्म कर फिर से देश में मनुवादी व्यवस्था लागू करना चाहते हैं.

आज डॉ. अंबेडकर चौक पर प्रतिवाद प्रर्दशन में मौजूद थे –
अर्जुन शर्मा, नीरज, गौतम कुमार, डॉ. अजीत सोनू, अमीत भगत, रवि, अभिषेक आनंद, महेश प्रसाद गुप्ता, प्रवीण कुशवाहा, चंदन कुमार शाह, अभिषेक कुमार, कैलाश प्रसाद शाह, बाबुलाल पासवान, संतोष, चार्ली आर्या, कुणाल साहा, डॉ. अविनाश कुमार, डॉ. संजीव पोद्दार, नीरज पासवान, रामानंद पासवान इत्यादि



Author: Rohit Sharma
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