शेयरों का सट्टाबाजार स्टॉक एक्सचेंज पूरी तरह ‘कैशलेस’ होता है। काले धन का यह प्रमुख अड्डा है, सबसे ज्यादा स्कैम, घपले, ठगी, आदि यहीं होती है। 1995 के हर्षद मेहता गिरोह ने तो पूरे बैंकिंग सिस्टम के ही घुटने टिकवा दिए थे, कितने लालच में आये मध्यम वर्गीय लोग आत्महत्या तक को मजबूर हुए थे।