हिटलर सामाजवाद के नारे के साथ सत्ता में आया था. मोदी को मार्क्स इसलिए बताया जा रहा है क्योंकि उनके जेहन में गोएबेल्स समा गया है. गोएबेल्स एक झूठ को सौ बार बोलने पर उसे सच साबित करने का दावा करता था, मोदी जी उससे भी दो कदम आगे हैं. वो झूठ को इतने आत्मविश्वास