- January 17, 2017
- Posted by: Rohit Sharma
- Category: News

दंगल फिल्म की अभिनेत्री जायरा वसीम पर मोमिनो ने फतवा निकाल दिया जबकि उसने इस फिल्म में सिर्फ अभिनय किया है. फलतः जायरा को माफी मांगने पर मजबूर होना पड़ा. जायरा ने माफी नामें मेंं जो लिखा उसने यह लिखने पर मजबूर कर दिया. उसने साफ साफ लिखा क़ि जिस तरह से आप अपने घर के 16 साल के बच्चे से व्यवहार की उम्मीद रखते हैं, मुझसे भी आप वही उम्मीद रखें. जायरा वह बच्ची है जिसने दंगल में गीता का बचपन का रोल निभाया और अभी दसवीं की परीक्षा में उसे 92% मार्क्स मिले हैंं.
कश्मीर का कटृरपंथी समाज, जायरा से मात्र इसलिए नाराज हो रहे हैं क़ि वह जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मिलने चली गयी और महबूबा मुफ्ती ने उसे जम्मू कश्मीर के युवाओं का आइकॉन बता दिया. एक साहब ने तो यहाँ तक लिख दिया क़ि यह लड़की घाटी के इस्लामिक माहौल को खराब कर रही है और इसने माफ़ी नहींं मांगी तो इसे नरक की आग में जलना होगा. महज इसलिए क़ि एक बच्ची देश भर में मकबूल हो गयी है और आप उसे अपनी कुंठित सोच वाली विचारधारा का मोहरा बनाना चाहते हैंं.
कुछ ऐसा हींं अनुभव मुझे भी हुआ था जब अपनी छोटी सी कश्मीर यात्रा मेंं एक टूरिस्ट मुसलमान फॅमिली की महिलाओं को बर्फ पर साधारण कपड़ोंं मेंं खेलते देखा और एक लोकल कश्मीरी मुसलमान व्यक्ति की यह टिप्पणी सुनी क़ि “ये नीचे के मुसलमानों ने तो हया बेच खायी है”. नीचे के मुस्लिम सुनते ही मैंने यह पूछा क़ि भाई ये नीचे के मुस्लिम मतलब ? उसने कहा क़ि वह तो कश्मीरघाटी के मुसलमानों को ही मुस्लिम मानता है बाकी भारत में रहने वाले मुस्लिम तो उसकी नजर में नापाक और ढोंगी हैंं.
जायरा का इस तरह से ट्रोल किये जाने की खबर को पढ़ने के पहले शायद ही किसी को उनके कश्मीरी बैकग्राउंड के बारे में जानकारी होगी. हम सभी ने जायरा में एक बेहतरीन कलाकार को देखा. अपनी पहली फिल्म मेंं उनका आत्मविश्वास काबिलेतारीफ़ था लेकिन इस घटना के बाद उनकी फेसबुक वॉल पर आयी टिप्पणियों ने उन्हें कमजोर कर दिया है.
ऐसी घटिया और नीच हरकत करके कट्टरपंथियों ने बता दिया क़ि बार बार जिस आजादी की बात करते हैं वह आजादी मिलने पर किस तरह का समाज बनाने की मंशा रखते हैं.
जायरा वसीम के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया वह दुखद ही नहीं अपितु घृणा किये जाने के लायक है.