- January 3, 2017
- Posted by: Rohit Sharma
- Category: News

मुन्नाभाई पी एम ने एक छोटे से देश को गंभीर परेशानी में डाल दिया. यह बेहद दुखद किन्तु दिलचस्प वाक़या है.
हमारे मुन्नाभाई एमबीबीएस मई २०१५ में चीन से लौटते हुए उसके नन्हे से पड़ोसी मंगोलिया (चंगेज़ खां का देश) में भी यह डींग मारते हुए जा धमके कि किसी भारतीय प्रधानमंत्री को ७० साल लग गए यहाँ आने में, मानो मंगल ग्रह पर पदार्पण कर लिया हो. वहां पहुँचे तो एक अरब डॉलर का क़र्ज़ देने का एलान भी कर डाला. चीन के शोषण का शिकार रहता है मंगोलिया. उसे लगा, घर बैठे इतना बड़ा देश ख़ुद मददगार बनकर उसके द्वार आ पहुँचा है. ख़ैर शेखीबाज ने लौटने के बाद वहाँ दलाई लामा को भी भिजवा दिया.
चिढ़ना ही था चीन को, सो उसने बेचारे मंगोलिया की आर्थिक नाकेबंदी कर दी. मंगोलिया ने ‘ताकतवर’ भारत की तरफ़ देखा कि कोई सख़्त सा बयान जारी करके चीन की निंदा करेगा. संकट में फँसे मंगोलिया ने अपने कूटनीतिक सूत्रों के ज़रिए वो एक अरब डॉलर का क़र्ज़ भी चाहा, जिसका एलान शेखीबाज कर आए थे. बेचारे मंगोलिया को न तो पैसा मिला, न उसे नैतिक सहयोग मिला. आख़िर उसने चीन से माफ़ी माँग ली कि भविष्य में एेसी मूर्खता नहीं करेगा. जो हो , मंगोलिया क्या पूरी दुनिया को मालूम हो चला है कि मुन्नाभाई तो अपनी इन आदतों से मजबूर हैं।