“इन्हें लगता है कि जो आदमी 30 या 32 रूपये रोज कमाता है, वो गरीब नहीं हैं.”

सोशल मीडिया पर वायरल ही रही ये खबरे के चर्चे न केवल राजनितिक गलियारों में वरन गांव घर के गलियों में भी चर्चा का विषय बन गया है. यह है प्रंधानमंत्री के नाम एक ख़त. आइए आप भी इस खत से परिचित हो लें.

“माननीय PM जी,

“कृपया सारी योजना बंद कर दीजिये. सिर्फ सांसद भवन जैसी कैन्टीन हर दस किलोमीटर पर खुलवा दीजिये. सारे लफड़े खत्म.

“29 रूपये में भरपेट खाना मिलेगा. 80% लोगों को घर चलाने का लफड़ा खत्म. ना सिलेंडर लाना, ना राशन और घर वाली भी खुश. चारों तरफ खुशियाँ ही रहेगी. फिर हम कहेंगे सबका साथ सबका विकास.

“सबसे बड़ा फायदा 1र् किलो गेहूँ नहीं देना पड़ेगा और PM जी को ये ना कहना पड़ेगा कि मिडिल क्लास के लोग अपने हिसाब से घर चलाएँ.

“इस पे गौर करें –

“कृपया कड़ी मेहनत से प्राप्त हुई ये जानकारी देश के हर एक नागरिक तक पहुँचाने की कोशिश करे.

“शान है या छलावा…!

“पूरे भारत में एक ही जगह ऐसी है जहाँ खाने की चीजें सबसे सस्ती है.

“चाय = 1.00

“सुप = 5.50

“दाल= 1.50

“खाना =2.00

“चपाती =1.00

“चिकन= 24.50

“डोसा = 4.00

“बिरयानी=8.00

“मच्छी= 13.00

“ये सब चीजें सिर्फ गरीबों के लिए है और ये सब Available है Indian Parliament Canteen में. और उन गरीबों की पगार है 80,000 रूपये महीना वो भी बिना income tax के.

“इन्हें लगता है कि जो आदमी 30 या 32 रूपये रोज कमाता है वो गरीब नहीं हैं.”

तो यह है इस वायरल हो रहे खत का मजमून. जिस से आप भी परिचय हो ले.



Author: Rohit Sharma
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