- December 26, 2016
- Posted by: Rohit Sharma
- Category: News

अलेप्पो सीरिया का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. साल 2012 के बाद यह शहर दो हिस्से में बंट गया है. पश्चिम का क्षेत्र सरकार के पास है तो पूर्वी क्षेत्र विद्रोहियों के पास है. विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में बिजली पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है. विद्रोहियों ने पम्प स्टेशन पर कब्जा कर रखा है,जिससे 15 लाख लोगों को पानी की किल्लत हो रही है.समस्या विकट है. विद्रोहियों ने पम्प भी खराब कर रखा है.
आम लोग घरों में दुबके पड़े हैं . सरकार विद्रोह को कुचलने के लिए लगातार बमबारी कर रही है, जिसमें विद्रोही कम आम जन ज्यादा मर रहे हैं. लाखों लोगों की मौत हो चुकी है. बमबारी इतनी भीषण है कि लोगों को अपने परिवारी जनों को दफनाने तक का मौका नहीं मिल रहा है. लाशों के ढेर लग चुके हैं.लोग मरते हुए यह संदेश भेज रहे हैं – “अलेप्पो बचाओ , इंसानियत बचाओ “.
सीरिया के राष्ट्रपति बशर उल असद की लोकप्रियता का ग्राफ लगातार गिर रहा है. तकरीबन 90% जनता उनके खिलाफ हो गई है. अलेप्पो शहर लगातार खण्डहर में तब्दील हो रहा है. हर तरफ चीख पुकार मची है . आसमानी बम कहर बरपा रहे हैं. ऊँची ऊँची इमारतें जमींदोज हो रही हैं. लाशों के चिथड़े हवा में उड़ रहे हैं,पर मानवाधिकार की वकालत करने वाले मौन हैं. उन्हें गहरी नींद आ गई है. संयुक्त राष्ट्र संघ व नाटो भी बेबस हो चुके हैं.
अलेप्पो शहर को कौन बचाएगा ? इंसानियत तो मर चुकी है .अब लोगों का आखिरी भरोसा खुदा पर रह गया है.
वही रखेगा मेरे घर को अब तो महफूज,
जो शजर से घोंसलों को गिरने नहीं देता.