कैशलेस इकॉनोमी के खतरे

कैशलेस इकॉनोमी वाले गीत पर कोरस गाने से पहले अभी-अभी घटी दो-तीन घटनाओं पर नज़र डाल लें. 1. देश के 19 बैंकों के 32.5 लाख खाते दो महीने पहले हैक कर लिए गए थे और करोड़ों रूपये इन खातों से निकाल लिए गए थे. तब अरुण जेटली ने खुद इसे पुष्ट किया था, “नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के अनुसार चोरी के डेबिट कार्ड डेटा के जरिये 19 बैकों के 641 ग्राहकों को 1.3 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया है.” तब देश की बैंकिंग प्रणाली की साइबर सुरक्षा में इस कदर सेंध लगने के बाद भारत के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने अपने उपभोक्ताओं को सलाह दी थी कि वे अपने बैंक के एटीएम का ही प्रयोग करें. 2. कल ठगों के उस्ताद विजय माल्या के ट्विटर और ईमेल हैक कर कई निजी और वित्तीय जानकारियां निकाल ली गईं. 3. भारी मात्रा में काबिल समझे जाने वाले अमेरिका के 2.1 करोड़ लोगों के वित्तीय, स्वास्थ्य, रोजगार और आवास संबंधी जानकारी के अलावा उनके परिवार और संबंधियों के बारे में भी अहम जानकारियां चुरा ली गयी. ये खबरें बानगी भर हैं. जिस देश में साइबर सुरक्षा के पाठ का अभी महज ककहरा शुरू हुआ है, वहां कैशलेस इकोनोमी के नाम पर अगर १ अरब लोगों की बैंकिंग सूचनाएं कार्ड के जरिए इस स्वाइप मशीन से उस स्वाइप मशीन तक भटकती रहेंगी तो किसी रोज एक बग आपको सचमुच का फकीर बना देगा. और तब लूट जाने पर कैशलेस का गीत गाने वाला यह आदमी कोई गली का लौंडा-लपाड़ा तो है नहीं कि आप उसका कॉलर पकड़ कर अपने पैसे मांगेगे. इसलिए चेत जाइए. किसी भी चिट-फंड कम्पनी से कई गुना झूठा यह आदमी सचमुच तब अपना झोला उठाकर चल देगा और आप टापते रह जायेंगे.
note : ई -लेनदेन में धोखाधडी के मामले इस वित्त वर्ष 2015-2016 के दौरान साइबर अपराध के मामलों मे 73.24% की वृध्दि हुई है.16458 मामले दर्ज किए गए वहीं एटीएम,डेबिट कार्ड से जुडे धोखाधडी के 6585 मामले सामने आए हैं. – मिथिलेश


Author: Rohit Sharma
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